हरिद्वार जिले के पथरी क्षेत्र के पदार्था में बुखार पीड़ितों में पशुओं की बीमारी का बैक्टीरिया मिला है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ने क्षेत्र में एक कैंप के दौरान 30 स्थानीय पीड़ितों के सैंपल लिए थे। सैंपल की जांच के बाद खुलासा हुआ कि पीड़ितों में पशुओं में पाई जानी वाली ब्रूसेला और लेप्टो स्पायरा बीमारी के लक्षण हैं। इस बीमारी का बैक्टीरिया संक्रमित पशु के लार और मूत्र से इंसान के शरीर में फैलता है।
एम्स ऋषिकेश और पशुपालन विभाग ने 30 व 31 अक्तूबर को पथरी क्षेत्र के पदार्था गांव में स्वास्थ्य कैंप लगाया था। जिसमें बुखार पीड़ितों के सैंपल लिए थे। एम्स में इनकी जांच की गई। इसमें 18 लोग लेप्टो स्पायरा और नौ लोग ब्रूसेला रोग से पीड़ित मिले।
एम्स निदेशक डॉ. मीनू के मुताबिक ब्रूसेला और लेप्टो स्पायरा रोग मवेशियों में पाया जाता है। इस रोग के बैक्टीरिया संक्रमित पशु से इंसान में फैलता है। इसमें तेज बुखार का आना और डेंगू के अधिकांश लक्षण मिलते हैं। यह रोग मनुष्य के पैर के जरिये फैलता है। सैंपलों की जांच रिपोर्ट पशुपालन विभाग को भेजी गई है। यह बीमारी पशुओं से इंसानों में आती है। इसलिए पशुपालन विभाग की रिपोर्ट का इंतजार है। जैसे ही हमें रिपोर्ट मिलती है एम्स की टीम इस पर तत्काल कार्रवाई करेगी।
एम्स की टीम ने की थी चार रोगों की जांच
सेंटर फॉर एक्सीलेंस अंडर नेशनल वन हेल्थ प्रोग्राम के तहत पथरी के पदार्था में वन गुर्जर समुदाय के बीच कैंप लगाकर एम्स की टीम ने जांच की। इसमें पशुपालन चिकित्सा विभाग के लोग भी शामिल थे। बीमार मरीजों के सैंपल लिए गए और इसकी जांच की गई। शिविर में ब्र्रूसेला, टीबी, स्क्रब टाइफस, लैप्टो स्पायरा रोग के सैंपल लिए गए थे। मालूम हो कि पदार्था में बुखार से पहली मौत का मामला आया था।
एम्स ऋषिकेश की ओर से सैंपल जांच की रिपोर्ट नहीं मिली है। रिपोर्ट मिलने पर विभाग की ओर से कार्रवाई की जाएगी।– डॉ. योगेश शर्मा, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी