पीएनबी घोटाले मामले में एक आरोपी को पांच साल की सजा, ऐसे खुला था फर्जीवाड़े का राज

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रुड़की। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में हुए लाखों रुपये की गड़बड़ी के मामले में एक एजेंट को अदालत ने पांच साल की सजा सुनाई है। साथ ही आरोपित पर विभिन्न धाराओं में 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इस मामले में पुलिस की ओर से अभी तक आरोपित एजेंट के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किया गया था।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक 19 जून 2022 को पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंधक अवनीश कुमार गुप्ता ने एक मुकदमा गंगनहर कोतवाली में दर्ज कराया था, जिसमें उन्होंने बताया कि उन्होंने 9 जून को बैंक में कार्यभार संभाला था। उससे पहले यहां पर ऋचा पंवार प्रबंधक के रूप में कार्यरत थी। उनके ज्वाइन करने के दो दिन बाद ही कुछ लोग आए और बताया कि उनको 10 से 20 प्रतिशत ब्याज वाली स्कीम में रुपया लगाना है, जिस पर उन्होंने बताया कि बैंक ऐसी कोई स्कीम नहीं चलता है।

ऐसे खुला घोटाले का राज
इस बात पर लोगों ने ही बताया कि गांव का ही रहने वाला बैंक एजेंट जाबिर एवं पूर्व प्रबंधक ऋचा पंवार ने पूर्व में ऐसी स्कीम में लोगों का पैसा लगाया है। इसके बाद बैंक पर हंगामा भी हुआ। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर इस मामले में पहले तो जाबिर को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद इस साल 19 मई को पूर्व बैंक प्रबंधक ऋचा पंवार को भी पुलिस ने मंगलौर से गिरफ्तार कर लिया था।

सुनाई गई पांच साल की सजा
सहायक अभियोजन अधिकारी राजीव अग्रवाल ने बताया कि इस मामले में पुलिस की ओर से न्यायालय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट त्रिचा रावत की अदालत में 28 सितंबर को आरोप पत्र दाखिल किया था। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने आरोपित जाबिर को पांच साल की सजा सुनाई है। साथ ही उस पर विभिन्न धाराओं के तहत 15 हजार का जुर्माना लगाया गया है। आरोपित वर्तमान में जेल में बंद हैं।

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