नई दिल्ली। NEET 2024 : शुक्रवार को नीट पेपर लीक मामले में तेज कार्रवाई का क्रम जारी रखते हुए सीबीआइ ने झारखंड में तीन और आरोपितों की गिरफ्तारी की। इनमें हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक और वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज आलम भी शामिल हैं।
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तीसरा व्यक्ति जमालुद्दीन एक समाचार पत्र में कार्यरत है। उसका सगा भाई भी पत्रकार है। सीबीआइ ने लंबी पूछताछ के बाद जमालुद्दीन को गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी हजारीबाग से नीट पेपर लीक होने के पुख्ता सुबूत मिलने के बाद की गई है। जांच में पुष्टि हो चुकी है कि पटना में साल्वर गैंग तक पेपर की जो फोटो कापी पहुंची, वह ओएसिस स्कूल को ही आवंटित थी।
आरोपियों से पूछताछ कर रही सीबीआई (NEET 2024)
सीबीआई तीनों आरोपितों को पटना ले गई है जहां उन्हें शनिवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। तीन दिनों से सीबीआई के अधिकारी प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल समेत अन्य से पूछताछ कर रहे थे। माना जा रहा है कि नीट के डिस्टि्रक्ट को-आर्डिनेटर होने के नाते एहसान उल हक का पेपर वितरण से लेकर परीक्षा संबंधी अन्य व्यवस्था पर काफी नियंत्रण था।
पेपर का लिफाफा नीचे से कटा होने तथा इन्हें रखने वाले बक्से में छेड़छाड़ दिखने के बावजूद प्रिंसिपल द्वारा शिकायत नहीं किए जाने से भी संदेह को बल मिला। टीम ने उस रूट का भी मुआयना किया, जिस रास्ते से ट्रक के माध्यम से नीट पेपर से भरा बक्सा रांची से हजारीबाग पहुंचाया गया।
सीबीआइ टीम प्रश्नपत्रों के पैकेट, बक्सा, संदिग्धों के मोबाइल फोन, बैंक व स्कूल के सीसीटीवी फुटेज, लैपटाप व अन्य उपकरण साक्ष्य के तौर पर साथ लेकर पटना गई है। अभी एक टीम हजारीबाग में कैंप कर रही है।
परीक्षा के बाद विदेश दौरा
सीबीआइ को जानकारी मिली कि नीट परीक्षा के तत्काल बाद एहसान उल हक विदेश गए थे और करीब एक सप्ताह तक बाली में थे। परीक्षा के पहले और बाद के उनके फोन डिटेल की जानकारी लेने पर बिहार कनेक्शन मिला है। गिरफ्तार पत्रकार से भी उनका संपर्क मिला है।
पेपर लीक कराने वाले गिरोह के लोगों ने हजारीबाग में कई कोचिंग संचालकों से भी संपर्क किया था। इनके द्वारा गिरोह को छात्र उपलब्ध कराए गए थे, जिनसे मोटी रकम वसूली गई। इसमें एक प्रोफेसर की भूमिका भी संदिग्ध है।
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