18 वीं शताब्दी में निर्मित श्री जमदग्नि ऋषि के मन्दिर का जीर्णोद्धार व नव निर्मित मन्दिर का भव्य प्राण प्रतिष्ठा

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Lavdas Ji Maharaj

उत्तरकाशी के थान गाँव मे 18 वीं शताब्दी में निर्मित श्री जमदग्नि ऋषि के मन्दिर का जीर्णोद्धार व नव निर्मित मन्दिर के भव्य प्राण प्रतिष्ठा के दौरान गांव व क्षेत्र वासियों के सहयोग से चल रही शिव महापुराण कथा के मुख्य कथा वाचक प्रसिद्ध सन्त लावदास जी महाराज ने कल की कथा में आये प्रंसग के बारे में बताते हुए समाज को सन्देश देते हुए कहा हमारा देश देवी देवताओं का देश है ऋषि मुनियों की तपस्थली का देश है इसी तरह यह स्थान भी वह स्थान है जँहा पर महर्षि जमदग्नि ने तपस्या की थी यंहा पर यमुना का पवित्र तट है इस स्थान पर भगवान शिव की कथा सुनने व सुनाने दोनों से पुण्य प्राप्ति होती है क्योंकि भगवान की कथा वह कथा है जिससे व्यथा दूर होती है ….साथ ही लवदास जी महाराज ने शिव पुराण के रुद्राक्ष प्रसंग के बारे में युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि आज के समय मे हमारी युवा पीढ़ी बड़ी संख्या में रुद्राक्ष धारण कर रही है उनके लिए मेरा संदेश है अगर आप रुद्राक्ष धारण करते है तो मांस मदिरा का सेवन भी त्याग दे क्योकि यदि हमारा युवा बुरी चीजो को त्याग देता है उससे व्यक्ति का उत्थान होता समाज का उत्थान होता देश का उत्थान होता एक स्वस्थ समाज का निर्माण होता इसलिए भगवान शिव की कथा सुनाने और सुनने से यदि एक व्यक्ति भी अपने जीवन मे सुधार कर लेता है बुराइयो को त्याग कर अच्छाई की ओर बढ़ता है तो निश्चित ही वह सफल आयोजन माना जाता है।

 लवदास जी महाराज, मुख्य कथा वाचक

 

Reported By: Arun Sharma

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