देहरादून। कार्बेट टाइगर रिजर्व की पाखरो रेंज में पेड़ों के अवैध कटान और निर्माण के मामले में भाजपा की त्रिवेंद्र सरकार में वन मंत्री रहे हरक सिंह रावत से प्रवर्तन निर्देशालय (ईडी) ने 12 घंटे पूछताछ की। देर रात भी हरक सिंह से पूछताछ जारी थी। इस दौरान ईडी ने प्रकरण के संबंध में कई सवाल पूछे।
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हालांकि इससे पहले भी ईडी हरक सिंह को कई बार तलब कर चुकी है। उसके करीबियों से भी ईडी पूछताछ कर चुकी है। इससे पहले 24 अगस्त को सीबीआई ने हरक सिंह रावत को अपने देहरादून के इंदिरा नगर स्थित कार्यालय में तलब कर घंटों पूछताछ की थी।
सीबीआई ने अक्टूबर 2023 में मुकदमा दर्ज किया
ईडी की देहरादून शाखा ने हरक सिंह रावत को गत 28 अगस्त को नोटिस जारी कर सोमवार को पेश होने को कहा था। सोमवार को हरक सिंह रावत सुबह साढ़े 10 बजे ईडी कार्यालय पहुंचे, जहां उन्हें लगातार पूछताछ की जा रही है। कार्बेट सफारी प्रकरण में सीबीआई ने अक्टूबर 2023 में मुकदमा दर्ज किया, जबकि दिसंबर 2023 में ईडी की एंट्री हुई।
ईडी फरवरी 2024 में पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत समेत उनके करीबियों और कई वन अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी भी कर चुकी है। निकट भविष्य के केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं। अब फिर से कांग्रेस में शामिल हो चुके हरक सिंह रावत इस सीट से संभावित उम्मीदवार माने जा रहे हैं। ऐसे समय में सीबीआई और ईडी की सक्रियता से हरक सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
पूर्व मंत्री ने हाल ही में सीबीआई के समक्ष पेश होकर कुछ दस्तावेज अधिकारियों को सौंपे। उन्होंने यह भी कहा कि वन मंत्री होने के नाते उन्होंने फाइलों पर हस्ताक्षर किए। यदि कहीं कोई गड़बड़ की गई है तो उसके लिए अफसर दोषी हैं। क्योंकि, नियमों का परीक्षण करना मंत्री का काम नहीं होता है।
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